वारली चित्रकला / warli painting
वारली चित्रकला / warli painting वारली : निसर्ग की हरी-भरी चद्दर में पली-बड़ी 'वारली' एक महाराष्ट्र स्थित आदिवासी जमाती है। वारल मतलब जमीन का एक टुकड़ा और उसमे खेती करने वाला वारली कहलाते है। भारत में हर समाज-जमात में अलग-अलग सांस्कृतिक कलागुण हजारो सालों से जतन करते आ रहे है। और वही कलाऐ उनकी पहचान बन चुकी है। जब आप के सामने वारली नाम आता है तब आप के आंखों के सामने वारली पेंटिंग आती है। और वारली चित्रकला वारली जमाती की विशेषता है। वारली जमाती अपने अनोखे भित्तिचित्र के लिए जानी जाती है। उनकी चित्रकारिता पाषाण युग के गुफाचित्र की तरह निसर्ग के बहुत करीब होते है। वारली जमात मुख्यतः महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक state और दादरा एवं नगर हवेली इन केंद्रशासित प्रदेश में होते है लेकिन महाराष्ट्र के ठाणे और नासिक district में उनकी बस्तियां बहुत मात्रा में है। वारली चित्रकला: वारली चित्रकला मुख्यतः natural colour इस्तेमाल करके बनायीं जाती है। इसमें पेड़ की टहनियां, मिटटी और गोबर के मिश्रण से दीवारे बनायीं जाती है उसके बाद लाल गेरू से वह दीवारे रंगी जाती है। यह वारली कला का b...
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