एलीमेंट्री एंड इंटरमीडिएट ड्रॉइंग ग्रेड परीक्षा (drawing grade exams)
एलीमेंट्री एंड इंटरमीडिएट ड्रॉइंग ग्रेड परीक्षा (Drawing Grade Exams)
एलीमेंट्री एंड इंटरमीडिएट ग्रेड ड्रॉइंग परीक्षा (drawing grade exams) स्कूली शिक्षा में बच्चों के कलागुणों के विकास को अनन्यसाधारण महत्व है। प्राथमिक स्कूलों में कला विषय १ ली से 8 वी तक सिखाया जाता है।
सन 1880 से
drawing grade exams शुरू की गई,
पहले मुंबई में,
फिर महाराष्ट्र में
और उसके साथ
भारत के अलग-अलग शहरों
में exams ले
लिया गया। 1965 से
महाराष्ट्र राज्य कलसंचनालय की
तरफ से ली
गयी। वह
महाराष्ट्र राज्य, गोवा, राजस्थान,
छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश अदि
राज्यों में भी
ली गयी।
इन exams को आज
के तारीख में
बहुत लोकप्रियता मिली
है, हरसाल लाखों
बच्चे इस exams में
सहभाग लेते है।
drawing grade exams लेने
का मकसद यह
है की बच्चों
में ड्राइंग में
दिलचस्पी तैयार हो, क्रिएटिविटी
का विकास हो
जाये, कलासंस्कृति एवं
पर्यावरण के लिए
जनजागृति निर्माण
करना।
Drawing Grade Exams Syllabus :
Elementary exam:
१. वस्तुचित्र (object drawing)२. स्मरणचित्र ( memory drawing)
३. संकल्पचित्र - नक्षीकाम ( design)
४. कर्तव्यभूमिति और अक्षरलेखन ( plane practical geometry & letter writing)
Intermediate exam:
१. स्थिरचित्र (still life)२. स्मरणचित्र ( memory drawing)
३. संकल्पचित्र - नक्षीकाम ( design)
४. कर्तव्यभूमिति, घनभूमिति और अक्षरलेखन ( plane practical geometry, solid geometry & letter writing)
Drawing grade exam में मुख्यतः ७वी से १२ तक के बच्चोंका सहभाग होता है फिर भी private विद्यार्थी भी exam दे सकते है। drawing के ( उच्च शिक्षा ) post graduation शिक्षण लेने के लिए यह exam जरूरी समझी जाती है इसलिए इस exam की उपयुक्तता सिर्फ कलाशिक्षण के लिए ही नहीं बल्कि advance और technology के युग में क्रिएटिविटी निर्मिति के लिए इसकी जरूरत है। इससे skill डेवेलोप होने में मदत होती है। जैसे की engineering, medical, architecture, interior decorator, animation fashion designers, draftsman , servaer , applied art (commercial art ) और fine art क्षेत्रोँ में admission लेने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थिओं के लिए यह exam का experience बहुत ही लाभदायक होता है। और यह exam का certificate प्रवेश-प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाती है।
वस्तुचित्र/ स्थिरचित्र (object drawing/still life)
- मानवनिर्मित चीजे (man made) या सृष्टि निर्मित (nature) चीजों का as it is sketch करके उसे colouring करना।- group objects का (proportion) प्रमाण समझना।
- objects में जो depth होता है उसे समज़ना।
- objects के ऊपर के lights का अभ्यास करना।
- सामने रखे objects as it is draw and colouring करना।
- अलग-अलग रंग माध्यम और साहित्य का उपयोग करना।
स्मरणचित्र (memory drawing) :
- निरिक्षण (observation), स्मरण (memory) और कल्पनाशक्ति (imagination) के विकास को बढ़ावा देना।- मन के अंदर की भावनाए।
- दैनंदिन जीवन के प्रसंग को proportionaly draw करना।
- drawing में नजदीकी और दूर का (perspective) का अभ्यास करना।
- पर्यावरणविषयक जनजागृति करके निसर्गप्रति आकर्षित होना
संकल्पचित्र - नक्षीकाम (design)
- रचनात्मक (creative) अविष्कार करने की क्षमता तैयार करना।- डिज़ाइन के मूलतत्वों का रचनात्मक प्रयोग करने की क्षमता रखना।
- रंग और रंगछटा (colour & colour scheme) का परिणाम कारक उपयोग करना।
- संकल्पचित्र (design) से सौंदर्य दृष्टी उत्पन्न करना।
- भौमितिक साधनसामग्री का उपयोग करना।
- अलग अलग रंग माध्यम और तंत्र (techniq) का अभ्यास करना।
भूमिती, घनभूमिती और अक्षरलेखन ( geometry, solid geometry & letter writing)
- आकृतिबंध निर्मिति के लिए geometric रचनाओंका उपयोग करने की क्षमता।- अलग-अलग geometric अकार और उसकी रचना समज़ना।
- जियोमेट्रिक आकृतियाँ accurate और neat बनाना।
- घनभूमिती बेसिक रूप में समझ लेना।
- अक्षरलेखन के बारे में जान लेना।
- अक्षररचना से सौंदर्य निर्मिति करना।
very nice and helpful blog for elementary and intermediate students.
ReplyDeletethank u very much...
DeleteWoooooow I number bhava
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